NFC क्या है? What is NFC? और क्या हैं इसके फायदे और नुकसान? जिन्हें आपका जानना जरूरी है।
अपने दैनिक जीवन में आपने NFC तकनीक का नाम जरूर सुना होगा और आप में से बहुत से लोग इसके बारे में जानकारी भी रखते होंगे और किसी न किसी रूप में शायद इसका इस्तेमाल भी करते होंगे।
लेकिन जो लोग इसके बारे में नहीं जानते हैं और सोचते हैं कि यह एनएफसी क्या है? और ये कैसे काम करता है, तो हम आज आपको एनएफसी तकनीक के उपयोग के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहे हैं।
साथ ही समाज में NFC तकनीक द्वारा पड़ने वाले प्रभाव के बारे में भी जानेंगे कि, कैसे इसके जरिए हमारे काम करने के तरीकों में बदलाव आया है।
नियर फील्ड कम्युनिकेशन (NFC) जैसा कि इसके नाम से ही पता चल रहा है कि यह एक वायरलेस तकनीक है जो उपकरणों को आपस में एक दूसरे के साथ रखते हुए कम्युनिकेट करने की अनुमति देती है।
यह एक बेहद कम दूरी के भीतर काम करने वाली प्रणाली है जो उपकरणों को आपस में डेटा का आदान प्रदान करने में सक्षम बनाता है।
वैसे NFC technology हमारे बीच काफी समय से मौजूद है, लेकिन यह आज के आधुनिक स्मार्टफोन और दूसरे मोबाइल उपकरणों के बीच में एक आवश्यकता बन गया है।
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एनएफसी कैसे काम करता है:
NFC की तकनीक के काम करने का सिद्धांत रेडियो-फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) तकनीक है।
यह तकनीक NFC चिप लगे हुए उपकरणों के बीच में कम्युनिकेट करने के लिए इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडियो तरंगों का इस्तेमाल करती है।
जब भी कोई NFC तकनीक से सक्षम डिवाइस जिसमें NFC चिप लगी हुई होती है वह किसी अन्य एनएफसी युक्त डिवाइस की रेंज में आती है तो यह उसे सिग्नल भेजती है।
अब दूसरी वाली डिवाइस जब सिग्नल प्राप्त करती है तो वह वह उस सिग्नल के जवाब में वापस संदेश देती है। इस तरह से इन दोनों उपकरणों के बीच में संचार होता है।
NFC तकनीक का इतिहास:
1980 के दशक की शुरूआत में NFC तकनीक का इतिहास शुरू होता है। उसी समय जब RFID तकनीक को पेश किया गया था।
उस समय RFID का इस्तेमाल रिटेल इंडस्ट्री में उनकी इन्वेंट्री को मैनेज करने और चोरी रोकने के लिए होने लगा था।
लेकिन धीरे धीरे बाद में इसे अन्य दूसरी इंडस्ट्रीज में जैसे ट्रांसपोर्ट, स्वास्थ्य सेवाओं और मैन्युफैक्चरिंग आदि में भी इस्तेमाल किया जाने लगा।
NFC फोरम का गठन:
वर्ष 2002 में NFC तकनीक के प्रोटोकॉल का मानक तय करने के लिए सोनी और फिलिप्स कंपनियों ने NFC फोरम का गठन किया।
NFC फोरम एक नॉन प्रॉफिटेबल इंडस्ट्री संघ है जिसका काम NFC तकनीक के दिशानिर्देशों को विकसित करना और इसके इस्तेमाल को बढ़ावा देना है।
पहला NFC इनेबल्ड फोन:
सबसे पहले एनएफसी-सक्षम मोबाइल फोन साल 2006 में नोकिया कंपनी ने लांच किया था।
इसकी देखा देखी दूसरे फोन निर्माताओं ने इसको फॉलो किया और अपने फोन्स में ये फीचर प्रदान किया।
शुरुआत में NFC तकनीक को अपनाने में बहुत समय लगा। लेकिन बाद में इसपर जब मोबाइल पेमेंट की शुरुआत हुई तो यह लोकप्रिय होने लगा।
Google वॉलेट की शुरुआत:
फिर 2011 में, Google ने अपना Google वॉलेट लॉन्च कर दिया, इसकी मदद से लोग अपने मोबाइल फ़ोन से पेमेंट कर सकते थे।
Google वॉलेट में पेमेंट करने के लिए NFC तकनीक का उपयोग हो रहा था।
इसके बाद फिर सभी टेलीकॉम कंपनियों ने मिलकर एक समान मोबाइल पेमेंट करने वाली प्रणाली शुरू कर दी।
एप्पल पे की शुरुआत:
साल 2014 में, Apple ने भी अपना Apple Pay लॉन्च कर दिया, उन्होंने भी NFC तकनीक का उपयोग करते हुए ऐसा ही पेमेंट सिस्टम बनाया जिसकी मदद से लोग अपने आईफोन या एप्पल वॉच से पेमेंट कर सकते थे।
एप्पल पे के लॉन्च होने के बाद NFC तकनीक लोगों के बीच लोकप्रिय हुई और धीरे धीरे मोबाइल फोन से पेमेंट करने वाले लोगों की तादात बढ़ने लगी।
आज के समय में मोबाइल पेमेंट, डेटा ट्रांसफर, एक्सेस कंट्रोल, विज्ञापन इंडस्ट्री,और कस्टमर लॉयल्टी प्रोग्राम में NFC तकनीक का उपयोग बहुत ही व्यापकता से हो रहा है।
इसका इस्तेमाल लगातार बढ़ रहा है, और आने वाले समय में इसका दायरा और भी बढ़ेगा, क्योंकि ज्यादातर व्यवसायों ने अपने उत्पादों और सेवाओं में इस तकनीक को अपनाना शुरू कर दिया है।
एनएफसी प्रौद्योगिकी का उपयोग:
NFC तकनीक का उपयोग ज्यादातर व्यवसायों में बहुत ही व्यापक रूप से हो रहा है। उनमें से कुछ उदाहरण यहां दिए जा रहे हैं:
मोबाइल द्वारा पेमेंट:
Google वॉलेट, एप्पल पे, पेटीएम इत्यादि ऐप्स की मदद से आज NFC तकनीक की सहायता से मोबाइल पेमेंट करना बहुत ही लोकप्रिय है।
एनएफसी तकनीक की मदद से अपने मोबाइल द्वारा पेमेंट मशीन पर टैप करते ही पेमेंट हो जाता है।
NFC tags:
एनएफसी टैग छोटे छोटे उपकरण होते हैं जिनकी अपनी कोई ऊर्जा नहीं होती है। इन टैग्स के अंदर माइक्रोचिप और एंटेना होता है।
जब कभी आप अपने मोबाइल फोन को इन टैग्स के पास लाते हैं तो इन टैग्स में दर्ज जानकारी आपके फोन पर दिखने लगती है।
जैसे कि वेबसाइट का URL, कोई कॉन्टैक्ट नंबर, या पेमेंट की जानकारी।
बिज़नेस कार्ड्स का उपयोग:
NFC tags के जरिए बिजनेस कार्ड्स का उपयोग लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय हो गया है।
इसके जरिए बिजनेस कार्ड्स के इस्तेमाल के कई फायदे हैं, जैसे कि इन्हे सिर्फ मोबाइल द्वारा टैप करके सरलता से साझा किया जा सकता है।
इसमें सिर्फ कॉन्टैक्ट डिटेल्स से ज्यादा जानकारी फीड की जा सकती है, जैसे कि कोई पोर्टफोलियो, सोशल मीडिया या वेबसाइट का लिंक डाला जा सकता है।
ये इको फ्रेंडली होते हैं और बार बार पेपर कार्ड की तरह मैनुअल एक्सचेंज करने का झंझट खत्म हो जाता है।
शुरुआत में इनकी लागत ज्यादा लग सकती है लेकिन बार बार इनका इस्तेमाल करने से लंबे वक्त में पैसों की बचत की जा सकती है।
एक्सेस कंट्रोल:
ऑफिस में अधिकृत कर्मचारियों के प्रवेश को नियंत्रित करने की सुविधा में NFC तकनीक का ही योगदान है। इस तरह से इन कर्मियों की आने जाने की एक्सेस उनके अपने कार्य क्षेत्र के हिसाब से सीमित कर दी जाती है और ऑफिस की बाकी जगहों पर एक्सेस निषिद्ध होती है।
डेटा ट्रांसफर:
NFC तकनीक की मदद से कोई भी NFC इनेबल्ड डिवाइस आपस में कोई भी डेटा ट्रांसफर कर सकती हैं उदाहरण के लिए जैसे फोटो या वीडियो या डॉक्यूमेंट का ट्रांसफर।
विज्ञापन:
कंपनियां के उत्पादों के बारे में अधिक जानकारी लेने के लिए ग्राहकों को NFC तकनीक से सक्षम विज्ञापन पर टैप करने से उसके बारे में और अधिक विस्तार से जानकारी मिल जाती है।
कस्टमर लॉयल्टी प्रोग्राम:
NFC तकनीक का इस्तेमाल के द्वारा कस्टमर के लिए लॉयल्टी प्रोग्राम की स्कीम दी जाती है।
इसे ग्राहक NFC इनेबल्ड लॉयलिटी कार्ड के ऊपर फोन द्वारा टैप करने पर पुरस्कार के रूप में प्राप्त करते हैं।
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NFC तकनीक के फायदे तथा नुकसान:
जैसे किसी सिक्के के दो पहलू होते हैं ठीक उसी तरह से
नियर फील्ड कम्युनिकेशन (NFC) तकनीक के भी अगर फायदे हैं और कुछ नुकसान या कमियां होंगी।
ब्लॉग के इस हिस्से में, हम आपको एनएफसी प्रौद्योगिकी के फायदे और नुकसान दोनों के बारे मैं बताएंगे।
एनएफसी तकनीक के लाभ:
सुविधा:
यदि सुविधा देखी जाए तो NFC तकनीक से अपनी मोबाइल फोन से टैप करके कॉन्टैक्ट लेस पेमेंट एक्सेस कंट्रोल, डेटा ट्रांसफर आदि किया जा सकता है जो अविश्वसनीय रूप से बेहद सुविधाजनक बनाता है।
इस तरह से यह अपने साथ कई सामान को साथ रखने की जरूरत को खत्म करता है जैसे कि कार्ड अथवा नगद रुपए।
सुरक्षा:
अन्य पेमेंट करने के तरीकों में NFC तकनीक ज्यादा सुरक्षित पायी गई है। इसकी वजह यह है कि आपस में कनेक्शन होने के लिए दोनों डिवाइसेज का आसपास होना जरूरी होता है। इससे हैकिंग और धोखाधड़ी का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है।
गति:
NFC तकनीक की मदद से दोनों डिवाइसेज के बीच डेटा ट्रांसफर हो या फिर लेन-देन यह सबकुछ बहुत ही तेजी के साथ हो जाता है।
इस प्रकार पैसे के लेनदेन वाली एप्लीकेशंस जिनमें समय की सीमा निर्धारित होती है इन ऐप्स के लिए यह एक आदर्श तकनीक साबित होती है।
संगतता: Compatibility:
एनएफसी तकनीक का इस्तेमाल स्मार्टफोन, टैबलेट और स्मार्ट वॉच और इसी तरह की कई सारी डिवाइसेज के साथ कंपेटिबल है।
इस तरह से ज्यादा से ज्यादा डिवाइसेज पर काम करने की वजह से इसका उपयोग करना और ज्यादा आसान हो जाता है।
लचीलापन:
एनएफसी तकनीक बेहद लचीली है और इसका उपयोग मोबाइल भुगतान से लेकर एक्सेस कंट्रोल और डेटा ट्रांसफर तथा विज्ञापन और लॉयल्टी प्रोग्राम सहित कई और भी प्रकार की एप्लीकेशंस के लिए किया जा सकता है।
एनएफसी प्रौद्योगिकी के नुकसान:
हालाकि इसके कुछ नुकसान भी हैं लेकिन वह इस तकनीक की मदद से मिलने वाले फायदों की तुलना में मामूली ही हैं।
सीमित सीमा:
एनएफसी तकनीक से युक्त डिवाइसेज की रेंज कुछ सेंटीमीटर तक ही होती है जिसका मतलब यह है कि दोनों डिवाइस को हमेशा एक साथ पास-पास रखने की जरुरत रहती है।
डिवाइस संगतता: Device Compatibility:
पुराने डिवाइसेज एनएफसी तकनीक के लिए कंपैटिबल नहीं होते हैं इस तरह से सभी प्रकार की डिवाइस के साथ कंपेटिबिलिटी ना होने से कारण इसकी उपयोगिता सीमित हो जाती है।
हस्तक्षेप:
एनएफसी तकनीक के इस्तेमाल में आसपास मौजूद दूसरे वायरलेस उपकरणों के सिग्नल का इंटरफेयर होने की संभावना रहती है जिससे NFC में कनेक्टीविटी की समस्या आ सकती है।
लागत:
NFC तकनीक उन उद्योगों के लिए खर्चीली साबित हो सकती है जिनमें इस तकनीक को अपनाए जाने से पहले उन्हें अपने पुराने बने हुए ढांचों को अपग्रेड करने की जरूरत हो।
समाज में एनएफसी प्रौद्योगिकी का प्रभाव:
हर तकनीक की अपनी कुछ सीमाएं होती हैं और स्वाभाविक है कि NFC की भी हैं इसके बावजूद यह एक ऐसा ताकतवर उपकरण है जो हमारी डिवाइसेज को आपस में बातचीत करने में सक्षम बनाता है और इस तरह से इसने हमारे पेमेंट करने के तरीके को बदल कर रख दिया है।
अब तक तो आप समझ गए होंगे कि What is NFC और ये बात साफ है कि NFC तकनीक के आ जाने के बाद से हमारे समाज में इसका व्यापक प्रभाव दिखता है:
मोबाइल भुगतान के तरीके में:
एनएफसी तकनीक में लोग अपने मोबाइल फोन से तेजी से और सुरक्षित पेमेंट कर लेते हैं। पेमेंट करने की इस क्रांताकारी तकनीक से हमें पेमेंट करने का एक महत्त्वपूर्ण विकल्प मिल गया है। यह हमें साथ में कार्ड अथवा नगद राशि रखने के झंझट से मुक्ति दिलाता है।
कार्यालयों में एक्सेस कंट्रोल:
इस तकनीक की मदद से कार्यालयों में कर्मचारियों के एक्सेस को कंट्रोल करना आसान हो गया है।
उदाहरण के लिए ऑफिस के किसी हिस्से में कुछ खास कर्मियों को ही जाने की इजाजत है तो एनएफसी की मदद से यह काम आसान हो जाता है। और उस हिस्से में जाने की एक्सेस सिर्फ अधिकृत कर्मियों को ही होगी।
डेटा ट्रांसफर का तरीका:
एनएफसी से हम डेटा ट्रांसफर को सुरक्षित तरीके से कर सकते हैं।
वैसे तो डेटा ट्रांसफर के कई और तरीके भी मौजूद हैं जैसे की ब्लूटूथ लेकिन इसकी रेंज काफी ज्यादा होती है इसलिए इसे आसानी से हैक किया जा सकता है।
लेकिन NFC की रेंज महज कुछ सेंटीमेटर्स तक ही होती है और डिवाइसेज का पास होना जरूरी होता है इसलिए इसे ज्यादा सुरक्षित माना जाता है।
निष्कर्ष
उम्मीद है कि आप के मन का जो सवाल था, What is NFC, इस ब्लॉग को पढ़ने के बाद अब आप भली भांति समझ गए होंगे कि आखिर ये तकनीक है क्या।
आज इस बात को नकारा नहीं जा सकता है कि NFC तकनीक के द्वारा करे जाने वाले मोबाइल पेमेंट, डेटा ट्रांसफर, एक्सेस कंट्रोल के तरीकों से में होने वाली आसानी से यह लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय हो रही है।
निसंदेह एनएफसी तकनीक लोगों के जीवन को सुविधाजनक बनाती है।
हमारे समाज में जिस प्रकार से दिनों दिन मोबाइल उपकरणों के प्रति निर्भरता बढ़ती जा रही है उसे देखते हुए यह कहा जा सकता है कि NFC तकनीक आने वाले वर्षों में हमारे समाज में पहले से अधिक महत्त्वपूर्ण साबित होगी।
एनएफसी प्रौद्योगिकी का समाज पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है, और इसके अनुप्रयोग लगातार बढ़ रहे हैं।
मोबाइल भुगतान से लेकर एक्सेस कंट्रोल और डेटा ट्रांसफर तक, एनएफसी तकनीक ने लोगों के लिए जीवन को आसान और अधिक सुविधाजनक बना दिया है।
एनएफसी प्रौद्योगिकी आने वाले वर्षों में और भी महत्वपूर्ण बनने की ओर अग्रसर है और भविष्य में इसकी विभिन्न उद्योगों में और अधिक व्यापक रूप से इस्तेमाल होने की संभावना है।
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