RFID क्या है और ये कैसे काम करता है? What is RFID
आज हम इस ब्लॉग में आपको RFID Technology के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहे हैं कि RFID क्या है और ये कैसे काम करता है। ( RFID kya hai )
हम में से बहुत से लोग बारकोड या क्यू आर कोड के बारे में जानते होंगे कि इनमें जानकारी स्टोर की होती है जिसे इनके अपने अपने संबंधित रीडर द्वारा रीड करके जानकारी को समझा जाता है। लेकिन इससे लगभग मिलती जुलती हुई एक और तकनीक है जिसे हम RFID के नाम से जानते हैं।
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Table of Contents
RFID क्या है RFID kya hai:
RFID का फुल फॉर्म है रेडियो-फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) यह एक ऐसी तकनीक है जो वस्तुओं या किसी उत्पाद को अपने आप पहचानने और उनको ट्रैक करने के लिए रेडियो तरंगों का इस्तेमाल करती है।
आरएफआईडी तकनीक हमारे बीच में कई दशकों से है, लेकिन धीरे धीरे प्रौद्योगिकी में होने वाले सुधार और इसमें लगने वाली लागत में कमी आने की वजह से इसे हाल के वर्षों में पहले से कहीं अधिक बड़े पैमाने में अपनाया गया है।
अब के बनने वाले आरएफआईडी टैग अब पहले से ज्यादा छोटे और कीमत में सस्ते हो गए हैं, जिससे वे विभिन्न तरह के व्यवसायों के लिए पहले से अधिक व्यावहारिक हो गए हैं।
RFID कैसे काम करता है:
इस तकनीक में एक “रीडर” होता है जिसको इंटीरोगेटर भी बोला जाता है।
यह रीडर एक रेडियो सिग्नल छोड़ता है और इन्ही छोड़े गए सिग्नल, “RFID tag जिसके अंदर एक माइक्रोचिप और एक एंटीना होता है”, रिसीव करता है और tag के अंदर स्टोर की हुई जानकारी के साथ कनेक्ट होता है और रीडर को अपने अंदर स्टोर्ड डेटा रिसीव कराता है।
इसके बाद रीडर इस टैग के डेटा को अपने डेटाबेस से वेरिफाई करता है।
RFID तकनीक का इस्तेमाल विभिन्न व्यवसायों बहुत व्यापक पैमाने पर हो रहा है।
RFID का इतिहास:
अगर बात करें आरएफआईडी (रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) के इतिहास की तो यह 20वीं सदी की शुरुआत में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जब पहली रडार प्रणाली के विकास किया जा रहा था उसी के साथ शुरू होता है।
शुरूआत कब हुई:
बात 1940 के दशक की है जब, शोधकर्ताओं द्वारा वस्तुओं की यूनीक पहचान करने के लिए और उन पर सटीक तरह से नज़र रखने के लिए रेडियो तरंगों के उपयोग की जांच शुरू की गई।
पहली बार पेटेंट:
पहली बार आरएफआईडी RFID तकनीक का पेटेंट 1948 में बेल लैब्स के एक शोधकर्ता हैरी स्टॉकमैन के द्वारा किया गया था।
स्टॉकमैन के इस पेटेंट ने रेडियो तरंगों द्वारा विमान की यूनीक पहचान करने के लिए एक तकनीक का उल्लेख किया और इस तरह से सर्वप्रथम उन्होंने RFID technology के विस्तार की नींव रखी।
पैसिव आरएफआईडी टैग्स:
फिर इसके बाद 1960 के दशक में, पहली बार निष्क्रिय RFID टैग (Passive RFID tag) को विकसित किया गया था।
इन निष्क्रिय टैग्स में बैटरी की जरूरत नहीं पड़ती थी, और इन्हे रीडर द्वारा छोड़े गए रेडियो सिग्नल्स के द्वारा संचालित किया जाता था।
एक्टिव आरएफआईडी टैग्स:
और फिर 1970 के दशक में, Intigrated Circuits (ICs) के विकास होने के बाद,
पहले से अधिक छोटे और कुशल RFID टैगों का निर्माण करना संभव हो गया।
इसकी वजह से सक्रिय आरएफआईडी टैग्स (Active RFID tags) का विकास हुआ, जिसका अपना खुद का पावर सोर्स होता था और ये काफी लंबी दूरी तक संकेतों को भेज सकने में समर्थ थे।
व्यापक इस्तेमाल की शुरूआत:
धीरे धीरे 1980 से 1990 के दशक के बीच में, RFID तकनीक का उपयोग व्यापक रूप से किया जाने लगा।
अमेरिकी रक्षा विभाग ने इसे सप्लाई चेन मैनेजमेंट के लिए इस्तेमाल किया और वॉलमार्ट और प्रॉक्टर एंड गैंबल जैसी प्रसिद्ध बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने RFID तकनीक को अपने गोदामों की इन्वेंट्री को ट्रैक करने के लिए उपयोग करना शुरू किया।
जब 2000 के दशक की शुरुआत हुई, तब रिटेल बिज़नेस में RFID तकनीक का उपयोग शुरू हो गया तब इसको चोरी जैसी घटनाओं को रोकने और इन्वेंट्री मैनेजमेंट के तरीकों में सुधार के करने के लिए उत्पादों पर इन टैग्स का उपयोग किया जाने लगा।
RFID तकनीक का इस्तेमाल ट्रांसपोर्टेशन और लाजिस्टिक्स में भी शुरू हो गया शिपिंग कंटेनरों और ट्रकों में RFID tag को लगा दिया जाता था जिससे उनकी ट्रैकिंग की जा सके।
आज के समय में, RFID तकनीक का उपयोग व्यापकता से हो रहा है। स्वास्थ्य सेवाओं से लेकर कृषि कार्यों तक हर जगह इसका इस्तेमाल सफलतापूर्वक हो रहा है।
आज नियर-फील्ड कम्युनिकेशन (NFC) और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) जैसी तकनीकी प्रगति के साथ हम इनके नए तरीकों से उपयोग करने में सक्षम हैं।
टेक्नोलॉजी का जैसे जैसे विकास हो रहा है उससे ये संभावना की जा सकती है कि आरएफआईडी तकनीक आने वाले समय में हमारे दैनिक जीवन में पहले से भी बड़ी भूमिका निभाएगी।
RFID के प्रकार:
RFID तकनीक के दो मुख्य प्रकार होते हैं: सक्रिय आरएफआईडी (Active RFID)और निष्क्रिय आरएफआईडी Passive RFID)।
इनके अलावा RFID तकनीक के कई और सब टाइप्स और वेरिएशंस होते हैं जिनका उपयोग अलग अलग तरह की एप्लीकेशंस में किया जाता है।
यहां हम मुख्य प्रकार की RFID तकनीक की जानकारी दे रहे हैं
सक्रिय आरएफआईडी: Active RFID:
सक्रिय आरएफआईडी टैग में अपना खुद का पॉवर सोर्स होता है और ये
निष्क्रिय आरएफआईडी टैग की तुलना में ज्यादा लंबी दूरी तक संकेतों को भेज सकने में सक्षम होता है।
सक्रिय आरएफआईडी टैग की रीडिंग रेंज बहुत अधिक होती है। इनका इस्तेमाल शिपिंग कंटेनरों और ट्रक आदि को ट्रैक करने के लिए किया जाता है। बहुत अधिक मूल्यवान संपत्ति की लोकेशन की निगरानी में भी इसका उपयोग होता है।
निष्क्रिय आरएफआईडी: Passive RFID:
निष्क्रिय आरएफआईडी टैग्स में अपना खुद का कोई पॉवर सोर्स नहीं पाया जाता है और ये RFID reader के द्वारा पॉवर प्राप्त करते हैं और अपना डेटा शेयर करने के लिए reader द्वारा उत्पन्न किए गए रेडियो तरंगों पर निर्भर रहते हैं।
अगर तुलना की जाए तो निष्क्रिय आरएफआईडी टैग, सक्रिय आरएफआईडी टैग से ज्यादा छोटे और कम खर्चीले साबित होते हैं,
और इनका आमतौर पर उपयोग वेयरहाउस की ट्रैकिंग करने, इन्वेंट्री मेनेजमेंट अथवा रिटेल स्टोर में चोरी जैसी घटनाओं को रोकने जैसे कार्यों में किया जाता है।
अर्ध-निष्क्रिय आरएफआईडी: Semi-passive RFID:
अर्ध-निष्क्रिय आरएफआईडी टैग्स के अंदर एक बैटरी होती है जो टैग में लगे माइक्रोचिप को पॉवर देती है, इसलिए इन टैग्स पैसिव आरएफआईडी से ज्यादा लंबी रीड करने की रेंज होती है।
लेकिन यदि इसका tag खुद की पावर से कम्युनिकेट नहीं कर सकता है इसलिए यदि इसके tag के साथ कम्युनिकेट करना हो तो यह
Reader के सिग्नल के भरोसे ही रहती है।
लेकिन ये सक्रिय RFID टैग्स की तुलना में ये बहुत्व कम खर्चीले साबित होते हैं।
नियर फील्ड कम्युनिकेशन (NFC):
नियर फील्ड कम्युनिकेशन (NFC) आरएफआईडी (RFID) तकनीक का ही एक रूपांतरण है जो हमारे स्मार्टफोन्स और भुगतान करने वाले टर्मिनल जैसे दो उपकरणों के बीच में कम दूरी का कम्युनिकेशन करने की अनुमति प्रदान करता है। एनएफसी का प्रयोग आमतौर पर कॉन्टैक्ट लेस पेमेंट करने के लिए और संस्थानों में एक्सेस कंट्रोल करने में होता है।
यूएचएफ आरएफआईडी: UHF RFID:
अल्ट्रा हाई फ्रीक्वेंसी (Ultra High Frequency) (UHF) आरएफआईडी तकनीक 860-960 मेगाहर्ट्ज की फ्रीक्वेंसी रेंज में काम करती है और दूसरी अन्य तरह की आरएफआईडी तकनीक से यदि तुलना करी जाय तो इसकी रीड रेंज काफी लंबी होती है।
यूएचएफ आरएफआईडी का ज्यादातर उपयोग सप्लाई चेन मैनेजमेंट और लाजिस्टिक्स एप्लीकेशंस में किया जाता है।
एचएफ आरएफआईडी: HF (High Frequency) RFID:
उच्च आवृत्ति (एचएफ) आरएफआईडी की तकनीक 13.56 मेगाहर्ट्ज की आवृत्ति वाली रेंज में संचालित होती है और इसका ज्यादातर उपयोग कॉन्टैक्ट लेस पेमेंट, स्वास्थ्य सेवाओं और एक्सेस कंट्रोल सिस्टम में किया जाता है।
RFID तकनीक के विभिन्न उपयोग:
आरएफआईडी टेक्नोलॉजी का उपयोग गोदामों की इन्वेंट्री पर नज़र रखने से लेकर फार्म्स में पशुओं के मैनेजमेंट तक, एक बहुत बड़ी रेंज में किया जाता है। उनमें से कुछ के बारे में हम आपको बता रहे हैं:
1. इन्वेंटरी मैनेजमेंट: ( What is RFID )
तकनीक के प्राथमिक उद्देश्यों में से एक है इन्वेंटरी मैनेजमेंट है। इसमें RFID tags को वेयरहाउस में रखे हुए उत्पादों के साथ लगाया जाता है।
इस प्रकार से उत्पादों को जब भी वहां पर रखा या हटाया जाता है तो वहां लगे हुए रीडर इसे ट्रैक कर लेते हैं।
इस तरह से वहां रखे हुए उत्पादों की रियल टाइम बेस्ड ट्रैकिंग होती रहती है जिससे सेंट्रल डेटाबेस में उत्पादों की गिनती अपडेट होती रहती है। इससे मैनुअल तरह से उत्पादों की गिनती करने की जरूरत नहीं होती है और यह काम करने की दक्षता को और अधिक बढ़ाता है।
2. चोरी रोकने के लिए:
RFID तकनीक का इस्तेमाल रिटेल स्टोर्स में चोरी रोकने के लिए किया जाता है। उत्पादों में इन टैग्स को लगा दिया जाता है। अब अगर सेल प्वाइंट पर इन टैग्स को निष्क्रिय नहीं किया जाता है तो बाहर निकलते वक्त अलार्म बजने लगता है।
3. ट्रैकिंग के लिए:
इस तकनीक का इस्तेमाल ट्रांसपोर्ट और लाजिस्टिक्स में भी किया जाता है। ट्रक और शिपिंग कंटेनरों में इसको लगा दिया जाता है, और इस तरह से इन कंटेनरों और ट्रकों की लोकेशन और स्टेटस रियल टाइम में ट्रैक हो जाता है।
इस तरीके से शिपिंग में होने वाली गलतियों को कम किया जा सकता है। डिलीवरी टाइम को सुधारा जा सकता है और इससे कस्टमर की संतुष्टि की संतुष्टि को बढ़ाने में मदद मिलती है।
4. स्वास्थ्य सेवाओं में उपयोग:
आरएफआईडी तकनीक का एक ओर महत्त्वपूर्ण उपयोग स्वास्थ्य सेवाओं में है,
इसमें रोगी के हाथों में रिस्टबैंड दवाओं के लिए टैग्स होते हैं।
इससे स्वास्थ्य सेवाओं को प्रदान करने वालों के लिए मरीजों और दवाओं को सटीकता से ट्रैक करने और इस दौरान होने वाली गलतियों के जोखिम को कम करता है इससे मरीजों को एक सुरक्षित वातावरण में बेहतर इलाज कराने की सुविधा मिलती है।
इन सबके अलावा RFID तकनीक का उपयोग बहुत सारे व्यवसायों में जैसे कि बैंकिंग से लेकर ऑफिस के एक्सेस कार्ड और बच्चों के स्कूल से लेकर गाड़ियों की पार्किंग स्टेशन तक हर जगह बहुत व्यापकता से किया जा रहा है।
RFID तकनीक की कमियां:
एक ओर जहां RFID तकनीक के कई सारे लाभ मिल रहे हैं, वहीं इसमें लोगों की गोपनीयता और सुरक्षा को लेकर चिंताएं भी हैं।
किसी आरएफआईडी टैग को दूर से ही पढ़ा जा सकता है,और यह संभावित रूप से किसी की व्यक्तिगत जानकारी तक अनधिकृत पहुंच की अनुमति प्रदान कराता है।
इस तकनीक से लोगों की निगरानी और उनकी ट्रैकिंग करने में आरएफआईडी प्रौद्योगिकी के उपयोग होने के बारे में भी स्वाभाविक रूप से चिंताएं हैं।
आरएफआईडी का प्रभाव:
इन सभी स्वाभाविक चिंताओं के बावजूद, आरएफआईडी तकनीक के इस्तेमाल का हमारे समाज पर एक महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है।
इस तकनीक की वजह से कई उद्योगों की दक्षता में पहले की तुलना में सुधार पाया गया है,
इसने आने वाली लागत को कम किया है और बिजनेस में ग्राहकों की संतुष्टि में पहले से कहीं अधिक सुधार किया है।
इस तकनीक की मदद से नई एप्लीकेशंस अस्तित्व में आई जैसे कॉन्टैक्ट लेस पेमेंट सिस्टम और एक्सेस कंट्रोल सिस्टम।
अब जैसे-जैसे इस तकनीक में सुधार होना जारी रहेगा, ऐसी संभावना है कि यह तकनीक और भी ज्यादा व्यापक होती जाएगी और हमारे और आपके दैनिक जीवन में इंटीग्रेट हो जाएगी।
निष्कर्ष:
अंत में, आरएफआईडी प्रौद्योगिकी एक शक्तिशाली तकनीक है जिसने निसंदेह कई उद्योगों की सूरत बदल दिया है।
इस तकनीक ने उत्पादों की वास्तविक समय की ट्रैकिंग को और बेहतर किया है,
लेकिन इसमें गोपनीयता और सुरक्षा के बारे में भी चिंता करना जरुरी है।
जैसा कि हमेशा किसी भी तकनीक के साथ होता आया है, कि उसे अपनाए जाने से पहले उसमें शामिल जोखिमों और लाभों के ऊपर सावधानी पूर्वक विचार करना बहुत जरूरी है।
1940 के दशक की शुरुआत से लेकर आज के समय में व्यापक रूप से इसे अपनाए जाने तक, RFID तकनीक ने हमारे द्वारा की जाने वाली वस्तुओं की मैनुअल ट्रैकिंग और मेनेजमेंट करने के तरीके को एकदम बदलकर रख दिया है।
यदि तकनीक की बात की जाए तो जैसे हमेशा यह विकसित होती रही है उससे इस बात की संभावना की जा सकती है कि आरएफआईडी हमारे दैनिक जीवन में आने वाले समय में और भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
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